57 Part
72 times read
0 Liked
घूँघट का पट खोल रे, तोको पीव मिलेंगे। घट-घट मे वह सांई रमता, कटुक वचन मत बोल रे॥ धन जोबन का गरब न कीजै, झूठा पचरंग चोल रे। सुन्न महल मे ...